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रेल और उद्योग विहीन कंधमाल में नहीं थम रहा दादन मज़दूरी का दुःख: रोज़गार की तलाश में गई महिला मज़दूर की केरल में मौत

कंधमाल (ओडिशा): रेल और उद्योग से वंचित कंधमाल जिले में दादन मज़दूरी का दर्द दिन-प्रतिदिन और गहराता जा रहा है। पेट पालने के लिए लोग अब भी बड़ी संख्या में अपने परिवार के साथ बाहर के राज्यों में काम करने जाते हैं, और कई बार वहां से शव बनकर लौटते हैं। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है।

 

कंधमाल जिले के रायकिया ब्लॉक के मंडाकिया पंचायत अंतर्गत पाजिगालू गांव की निवासी 44 वर्षीय सुजाता नायक, अपने पति शामंत नायक (50) और परिवार के साथ जीवन यापन के लिए केरल राज्य के एर्नाकुलम जिले के परांबावु इलाके के माउलतपुर में एक फर्म भिंजिनाडु केनाल प्लायवुड कंपनी में काम करने गई थीं।

 

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परिवार में एकमात्र पुत्र है जो विवाहित है और उसका भी एक बेटा है। सुजाता और उनके पति दोनों मज़दूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। जानकारी के अनुसार, सुजाता हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित थीं। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ और आखिरकार बीती रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

 

सुजाता एक मेहनती महिला थीं और आर्थिक बोझ उठाने में पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही थीं। उनकी मृत्यु के बाद कंधमाल जिला प्रशासन द्वारा उनका शव फ्लाइट से केरल से हैदराबाद और फिर भुवनेश्वर लाया गया, जहां से एम्बुलेंस द्वारा उनके पैतृक गांव पाजिगालू लाया गया।

 

गांव में परिजन, रिश्तेदार और मित्रगण शव का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार, शव का अंतिम संस्कार नजदीकी श्मशान घाट में किया गया। अंतिम संस्कार में मृतका के परिवारजन और कई रिश्तेदार उपस्थित थे।

 

परिवार मजदूर वर्ग से संबंधित होने के कारण, गांववासियों ने सरकार से इस दुख की घड़ी में आर्थिक सहायता की अपील की है।

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